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पिछले हफ्ते जब बजट आई तो यह तो रोचक था ही क्य़ोकि आम लोगो की बजंट बनाना भी उसी पर निर्भर करता था। मगर सबसे रोचक रही प्रतिक्रिया । पार्टी हो, नेता हो या फिर आम आदमी
सभी ने जी खोलकर प्रतिक्रिया दी।प्रतिक्रिया में सबसे आगे रहे विपछी नेता रहे जिन्होने जी खोलकर अपनी बात रखी जैसे उन्हें पहले से ही तैयारी कर ली हो। सता पछ वाले भी जमकर तारिफ की आखिर उनकी सरकार ने बजट पेश किया था भले ही बजट का असर आम आदमी के जेब पर कितना क्यो न पङें। अर्थ जगत भी अपने-अपने व्यापार के अनुसार अपना मंत्वय दिया। अंत मे छुटभैये नेतओ की रही जिनहे पता हो या न हो लेकिन अपने बिचार रखने में कोई कोताही नहीं बरती।
गली-मोहल्लो मे भी गजब की प्रतिक्रिया रही।
कहने को सार यह है की जितनी बङी क्रिया न हुई उससे बङी प्रतिक्रिया हो गई।
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